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मुंबई: लोकसभा चुनावों की तरह ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बारामती फिर से हॉट सीट हो गई है। शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने पार्टी छोड़कर महायुति में गए अजित पवार के सामने उनके बड़े भाई के बेटे युगेंद्र पवार को उतारकर सियासी पारा चढ़ा दिया है। युगेंद्र पवार अजित पवार के भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं। लोकसभा चुनावों में युगेंद्र पवार ने सुप्रिया सुले के चुनाव को संभाला था। जब लोकसभा चुनावों में सुप्रिया सुले ने अजित पवार की पत्नी यानी अपनी भाभी सुनेत्रा पवार को हराया था युगेंद्र पवार सुर्खियों में आए थे। शरद पवार जब बेटी सुप्रिया की जीत के बाद लोगों को धन्यवाद देने के लिए बारामती गए थे तो युगेंद्र पवार उनके साथ रहे थे। बारामती विधानसभा सीट से अभी तक अजित पवार अजेय रहे हैं, लेकिन शरद पवार ने पार्टी तोड़ने के बाद उनके खिलाफ मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए युवा युगेंद्र पवार को उतार दिया है।
कौन हैं युगेंद्र पवार?
अजित पवार के बड़े भाई श्रीनिवास पवार के बेटे युगेंद्र लंबे समय से राजनीति में हैं। उनकी मां शर्मिला पवार कई सालों से शरयू फाउंडेशन के जरिए सामाजिक क्षेत्र में काम कर रही हैं। इस संगठन के माध्यम से बारामती और इंदापुर तालुका में कई सामाजिक गतिविधियां चलाती है। 2 वर्षीय युगेंद्र ने बॉस्टन की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में बैचलर की डिग्री हासिल की हुई है। युगेंद्र को शरद पवार का मार्गदर्शन लगातार मिलता रहा है। वह विद्या प्रतिष्ठान में कोषाध्यक्ष के रूप में भी काम करते हैं। टिकट दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए युगेंद्र पवार ने कहा कि वह पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के आभारी हैं कि उन पर भरोसा जताया गया। युगेंद्र ने कहा कि वह पूरी निष्ठा से काम करेंगे।
युगेंद्र पवार युवा चेहरा हैं
पुणे में एनसीपी महाराष्ट्र के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने पहली लिस्ट जारी की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बारामती के लोगों की मांग पर युगेंद्र को उम्मीदवार के रूप में चुना गया है। पाटिल ने कहा कि मैंने स्थानीय लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत की। उनके अनुसार युगेंद्र एक नया चेहरा हैं और सभी को साथ लेकर चल सकते हैं। हमें लगा कि वह हमारी तरफ से सबसे अच्छा विकल्प होंगे। जिस तरह से लोग उनका समर्थन कर रहे हैं, इस बार परिणाम अलग होंगे। युगेंद्र पवार लोकसभा चुनावों के बाद बारामती पर ही फोकस कर रहे थे। इसके बाद उनके मैदान में आने की अटकलें लग रही थी। जाे सही साबित हुईं। अब देखना है कि बारामती की सियासी लड़ाई के पार्ट 2 में किसकी जीत होती है? 2019 में अजित पवार 1 लाख 65 हजार वोटों से जीते थे। वह 1991 से लगातार विधायक हैं।
कौन हैं युगेंद्र पवार?
अजित पवार के बड़े भाई श्रीनिवास पवार के बेटे युगेंद्र लंबे समय से राजनीति में हैं। उनकी मां शर्मिला पवार कई सालों से शरयू फाउंडेशन के जरिए सामाजिक क्षेत्र में काम कर रही हैं। इस संगठन के माध्यम से बारामती और इंदापुर तालुका में कई सामाजिक गतिविधियां चलाती है। 2 वर्षीय युगेंद्र ने बॉस्टन की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में बैचलर की डिग्री हासिल की हुई है। युगेंद्र को शरद पवार का मार्गदर्शन लगातार मिलता रहा है। वह विद्या प्रतिष्ठान में कोषाध्यक्ष के रूप में भी काम करते हैं। टिकट दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए युगेंद्र पवार ने कहा कि वह पार्टी सुप्रीमो शरद पवार के आभारी हैं कि उन पर भरोसा जताया गया। युगेंद्र ने कहा कि वह पूरी निष्ठा से काम करेंगे।
युगेंद्र पवार युवा चेहरा हैं
पुणे में एनसीपी महाराष्ट्र के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने पहली लिस्ट जारी की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बारामती के लोगों की मांग पर युगेंद्र को उम्मीदवार के रूप में चुना गया है। पाटिल ने कहा कि मैंने स्थानीय लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत की। उनके अनुसार युगेंद्र एक नया चेहरा हैं और सभी को साथ लेकर चल सकते हैं। हमें लगा कि वह हमारी तरफ से सबसे अच्छा विकल्प होंगे। जिस तरह से लोग उनका समर्थन कर रहे हैं, इस बार परिणाम अलग होंगे। युगेंद्र पवार लोकसभा चुनावों के बाद बारामती पर ही फोकस कर रहे थे। इसके बाद उनके मैदान में आने की अटकलें लग रही थी। जाे सही साबित हुईं। अब देखना है कि बारामती की सियासी लड़ाई के पार्ट 2 में किसकी जीत होती है? 2019 में अजित पवार 1 लाख 65 हजार वोटों से जीते थे। वह 1991 से लगातार विधायक हैं।
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